हाइड्रेशन का महत्त्व : हमारे शरीर का लगभग ६० प्रतिशत हिस्सा पानी से बना है, जो हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शरीर के हर अंग, कोशिका, और उत्तक को ठीक से काम करना चाहिए। पानी के बिना हमारा शरीर सामान्य कार्य नहीं कर सकता। हम इस ब्लॉग में शरीर को हाइड्रेटेड रखने की आवश्यकता, आवश्यक जल की मात्रा और निर्जलीकरण के संकेत पर चर्चा करेंगे।
शरीर को हाइड्रेटेड रखने का महत्त्व
ऊर्जा का प्रसारण: शरीर का ऊर्जा स्तर पानी द्वारा संरक्षित किया जाता है। शरीर में पानी की कमी से थकान और कमजोरी महसूस होती है। यह मस्तिष्क को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो सकता है।
पचन प्रक्रिया: पाचन के लिए पानी चाहिए। भोजन को तोड़ने में यह मदद करता है और पोषक तत्वों को अवशोषित करता है। कब्ज और पाचन संबंधी अन्य समस्याएं अच्छी तरह से हाइड्रेशन के बिना हो सकती हैं।
शरीर का तापमान संभालना: शरीर का तापमान पानी से नियंत्रित किया जा सकता है। हाइड्रेशन हमारे शरीर को ठंडा करता है जब हम पसीना बहाते हैं। गर्मी का तनाव शरीर में पानी की कमी से हो सकता है।
त्वचा की सुरक्षा: हाइड्रेटेड त्वचा चमकदार और स्वस्थ दिखती है। पानी त्वचा की नमी को बनाए रखने में मदद करता है, जिससे झुर्रियों की संभावना कम होती है और त्वचा की इलास्टिसिटी बढ़ती है।
विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना: शरीर के अपशिष्टों और विषाक्त पदार्थों को गुर्दे के माध्यम से बाहर निकालने में पानी का योगदान होता है। जब शरीर हाइड्रेटेड होता है, तो यह प्रक्रिया आसानी से होती है, जिससे शरीर में विषाक्त पदार्थों का संचय नहीं होता।
मस्तिष्क का काम: हाइड्रेशन मस्तिष्क की कार्यक्षमता के लिए भी आवश्यक है। पानी की कमी से मस्तिष्क सूज सकता है, जो सिरदर्द, मिजाज में बदलाव और याददाश्त संबंधी समस्याओं का कारण हो सकता है।
आवश्यक जल की मात्रा
कई कारकों, जैसे उम्र, लिंग, शारीरिक गतिविधि का स्तर और मौसम, प्रत्येक व्यक्ति की जल की जरूरत को निर्धारित करते हैं। लेकिन आम तौर पर कहा जाता है कि एक व्यक्ति को हर दिन लगभग आठ गिलास या दो लीटर पानी पीना चाहिए। लेकिन यह मात्रा शारीरिक रूप से सक्रिय लोगों, गर्म मौसम में रहने वालों, या गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए अधिक हो सकती है।
इसके अलावा, फलों और सब्जियों में पानी की मात्रा होती है, जो हाइड्रेशन में योगदान देती है। खीरा, तरबूज, संतरा और स्ट्रॉबेरी जैसे खाद्य पदार्थ जल को भर सकते हैं
निर्जलीकरण के संकेत
जब शरीर की पानी की आवश्यकता पूरी नहीं होती, तो वह निर्जलीकरण कहलाता है। इसका कारण पानी की कमी हो सकती है, अत्यधिक पसीना बहाना हो सकता है या कोई बीमारी हो सकती है। निम्नलिखित कुछ आम संकेत निर्जलीकरण हैं:
प्यास महसूस करना: यह निर्जलीकरण का सबसे आम लक्षण है। नियमित प्यास लगना एक संकेत हो सकता है कि आपका शरीर पर्याप्त मात्रा में पानी की कमी का सामना कर रहा है।
गहरे रंग का मूत्र: जब मूत्र का रंग गहरा होता है, तो आपको अधिक पानी पीना चाहिए। जब शरीर स्वस्थ है तो मूत्र हल्के पीले रंग का होता है।
शुष्क होंठ और मुँह: हाइड्रेशन की कमी से होंठ और मुँह सूख सकते हैं। यह एक और संकेत है कि आपका शरीर अधिक पानी चाहिए।
चक्कर आना और थकान: पानी की कमी से थकान और चक्कर आना हो सकता है। यह विशेष रूप से व्यायाम के दौरान हो सकता है।
कम पसीना: यदि आप गर्मी में भी कम पसीना बहा रहे हैं, तो आपका शरीर पर्याप्त ठंडा नहीं हो रहा है, जो निर्जलीकरण का लक्षण हो सकता है।
मांसपेशियों की थकान: मांसपेशियों में ऐंठन का कारण पानी की कमी हो सकती है, क्योंकि इलेक्ट्रोलाइट्स असंतुलित होते हैं।
हाइड्रेटेड रहने के टिप्स
नियमित रूप से पानी पीना: दिन भर कम-से-कम पानी पीने की आदत डालें। नियमित अंतराल पर पानी पीते रहें, न कि अचानक से अधिक मात्रा में।
ताजे फलों और सब्जियों का सेवन करने का तरीका: खीरा, तरबूज, संतरा और सूप जैसे पानी से भरपूर भोजन को अपने आहार में शामिल करें।
अल्कोहल और कैफीन का कम सेवन: अल्कोहल और कैफीन को सीमित मात्रा में ही लें क्योंकि इनसे शरीर में पानी की कमी हो सकती है।
बोतल को सामने रखें: जब भी आपको प्यास लगे, बाहर जाते समय पानी की बोतल हमेशा साथ रखें।
निष्कर्ष
हाइड्रेशन न केवल हमारे शरीर को स्वस्थ और सक्रिय रखता है, बल्कि हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। हमारे शरीर की आवश्यक क्रियाओं को सुचारू रूप से चलाने में मदद करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना हमारे प्यास को कम करता है। इसलिए, स्वस्थ जीवनशैली का एक हिस्सा अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखना होना चाहिए।
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